बुराड़ी कांडः ग्यारह लोगो की मौत मामले मे विसरा रिपोर्ट आई सामने (पता चलेगी मौत की वजह) - Sambandhsetu News

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दिसंबर 19, 2018

बुराड़ी कांडः ग्यारह लोगो की मौत मामले मे विसरा रिपोर्ट आई सामने (पता चलेगी मौत की वजह)


एक ही घर में 11 मौतों वाले बुराड़ी कांड की सच्चाई  सामने आ गई है। पांच महीने बाद विसरा रिपोर्ट से यह सच्चाई उजागर हुई है कि आखिर एक घर में 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? ये सामूहिक आत्महत्या थी या किसी की साजिश।

बुराड़ी कांड के पांच महीने बीत जाने के बाद इसकी बिसरा रिपोर्ट सामने आई है जिसमें 11 लोगों की मौतों के कारण का खुलासा हुआ है। बिसरा रिपोर्ट के अनुसार चंडावत परिवार के किसी सदस्य के शरीर में कोई जहरीला पदार्थ नहीं पाया गया है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि सभी 11 मौतें सामूहिक आत्महत्या ही थीं। बिसरा रिपोर्ट पर क्राइम ब्रांच के डीसीपी ज्वॉय टिर्की रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

डीसीपी ज्वॉय के मुताबिक पोस्टमार्टम के बाद बिसरा रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई है कि मौत का कारण कोई साजिश या अन्य चीज नहीं है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कुछ सदस्यों के पेट में भोजन पाया गया था जबकि कुछ के पेट खाली थे। हालांकि ये पूरी तरह से सच नहीं था।

पुलिस ने बिसरा जांच और साइकोलॉजिकल पोस्टमार्टम भी कराया था: :

पुलिस को पहले ये शक भी था कि शायद कोई शख्स बाहर से आया हो जिसने किसी साजिश के तहत ऐसा किया हो। यही वजह थी कि पुलिस ने बिसरा जांच और साइकोलॉजिकल पोस्टमार्टम भी कराया था, ताकि इस बड़े कांड की सच्चाई खुलकर सामने आ सके और किसी भी पहलू पर जांच बाकी न रह जाए।

साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी की रिपोर्ट में हुआ था ये खुलासा: :

उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक परिवार के 11 सदस्यों के जुलाई महीने में उनके ही घर में मृत मिलने के मामले में मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उन लोगों ने खुदकुशी नहीं की थी बल्कि एक अनुष्ठान के दौरान दुर्घटनावश वे सभी मारे गए थे। दिल्ली पुलिस ने जुलाई में सीबीआई को साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करने को कहा था। उसे बुधवार शाम को यह रिपोर्ट मिली।

रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों की मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के अध्ययन के आधार पर घटना आत्महत्या की नहीं थी बल्कि दुर्घटना थी जो एक अनुष्ठान करते समय घट गयी। किसी भी सदस्य की अपनी जान लेने का इरादा नहीं था। मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के दौरान सीबीआई की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) ने घर में मिले रजिस्टरों में लिखी बातों का तथा पुलिस द्वारा दर्ज किये गये चंडावत परिवार के सदस्यों और मित्रों के बयानों का विश्लेषण किया।

क्या होता साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी :

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी में किसी व्यक्ति के मेडिकल रिकार्ड का विश्लेषण करके, मित्रों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ करके तथा मृत्यु से पहले उसकी मानसिक दशा का अध्ययन करके उस शख्स की मानसिक स्थिति पता लगाने का प्रयास किया जाता है। सूत्रों के अनुसार पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि परिवार का सदस्य ललित चंडावत अपने दिवंगत पिता की तरफ से निर्देश मिलने का दावा करता था और उसी हिसाब से परिवार के अन्य सदस्यों से कुछ गतिविधियां कराता था। सूत्रों के अनुसार उसने ही परिवार को ऐसा अनुष्ठान कराया जिसमें उन्होंने अपने हाथ-पैर बांधे तथा चेहरे को भी कपड़े से ढक लिया। चंडावत परिवार के ये 11 सदस्य बुराड़ी स्थित घर में मृत मिले थे।

अब कौन सी रिपोर्ट आनी बाकी है: :

बुराड़ी कांड की पोस्टमार्टम, साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी और अब बिसरा रिपोर्ट आने के बाद सिर्फ एक रिपोर्ट आनी रह गई। वो है हैंडराइटिंग रिपोर्ट। इससे यह साफ हो सकेगा कि चंडावत परिवार के घर में जो डायरी मिली थी उसमें ललित की हैंडराइटिंग थी या किसी और की।

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