आयुर्वेद चिकित्सक प्रमोद सावंत बने गोवा के नये मुख्यमंत्री - Sambandhsetu News

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मार्च 19, 2019

आयुर्वेद चिकित्सक प्रमोद सावंत बने गोवा के नये मुख्यमंत्री

Ayurveda doctor Pramod Sawant becomes new Chief Minister of Goa

मनोहर परिकर के निधन के बाद गोवा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर प्रमोद सावंत ने कमान संभाल ली है। उन्होंने रात दो बजे राजभवन में आयोजित समारोह में शपथ ली। उन्हें गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने शपथ दिलाई।

नवनियुक्त गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि मुझे सभी सहयोगियों के साथ एक स्थिरता के साथ आगे बढ़ना है। अधूरे कामों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी होगी। मैं मनोहर परिकर जी के जितना काम नहीं कर पाऊंगा लेकिन जितना संभव हो सके काम करने की कोशिश करूंगा।

बता दें 63 वर्षीय मनोहर परिकर का रविवार को निधन हो गया था। वह लंबे समय से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे। सोमवार को उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

मनोहर परिकर के निधन के बाद गोवा में राजनीतिक रसाकसी शुरू हो गई। एक ओर जहां कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर रही थी तो वहीं दूसरी ओर भाजपा अपनी सरकार बचाने में लगी थी।

आर एस एस (RSS) कैडर के अकेले भाजपा विधायक

46 वर्षीय सावंत गोवा में भाजपा के अकेले ऐसे विधायक हैं जो आरएसएस कैडर से हैं। मुख्यमंत्री बनने से पहले वह पार्टी के प्रवक्ता और गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे।

जब 2017 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो उन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया। वह भाजपा सरकार के सबसे पसंदीदा नेता हैं। इस बात का अंदाजा हम इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिकर के निधन के बाद जब विकल्प की बात आई तो सबसे पहले उन्हीं का नाम सामने आया। 

भाजपा महिला मोर्चा इकाई अध्यक्ष हैं प्रमोद सावंत की पत्नी

सावंत की पत्नी सुलक्षणा केमिस्ट्री की शिक्षिका हैं। वह बीकोलिम के श्री शांतादुर्गा हायर सेकेंड्री स्कूल में पढ़ाती हैं। इसके साथ ही वे भाजपा महिला मोर्चा की गोवा इकाई की अध्यक्ष भी हैं।

जानकारी के मुताबिक परिकर की बीमारी की खबर सामने आने के बाद प्रमोद सावंत ने बीते साल अक्तूबर में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात की थी और अपनी मुख्यमंत्री दावेदारी की बात की थी। माना जाता है कि परिकर से ही उन्होंने राजनीति सीखी और वह उनकी पसंद भी थे।

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सावंत की वफादारी ऐसी है कि उन्होंने हमेशा अपनी निजी आकांक्षाओं को पार्टी से दूर रखा। उनके मुख्यमंत्री बनने से अगले 10-15 सालों के लिए भाजपा की कोई युवा नेतृत्व तलाशने की कोशिश भी पूरी हुई है। सावंत ने शपथ लेने से पहले भी कहा कि वह राजनीति में परिकर की वजह से ही आए हैं। और विधानसभा स्पीकर बनने और मुख्यमंत्री बनने का श्रेय भी परिकर को ही देते हैं। 

डॉक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर 

प्रमोद सावंत आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। उन्होंने आयुर्वेद औषधि में ग्रैजुएशन के बाद पोस्ट ग्रैजुएशन सामाजिक कार्य में किया। इसके अलावा उन्होंने मेडिको-लीगल सिस्टम का भी अध्ययन किया है। राजनीति में वे साल 2008 में आए। वह मापुसा स्थित उत्तरी जिला अस्पताल में आयुर्वेद के डॉक्टर के तौर पर तैनात थे।

लेकिन भाजपा नेतृत्व के आग्रह के बाद उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उपचुनाव लड़ा। उन्हें सांकेलिम (अब साखली) सीट से चुनाव लड़ने को कहा गया था। वह इस उपचुनाव में हार गए और लेकिन 2012 में विजेता बनकर उभरे। वह 2017 में चुनाव के बाद दोबारा साखली से निर्वाचित होकर गोवा विधानसभा में आए।

उन्हें मनोहर परिकर के नेतृत्व वाली सरकार में 2017 में विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया। उन्हें गोवा की राजनीति में सबसे कम उम्र का विधानसभा अध्यक्ष माना जाता है। भारतीय युवा जनता मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके सावंत को राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

बचपन से जुड़े हैं आर एस एस से पिता पांडुरंग पूर्व जिला पंचायत सदस्य 

गोवा में बिचोलिम तालुका के एक गांव कोटोंबी के रहने वाले सावंत बचपन से आरएसएस से जुड़े हैं। संघ से जुड़ाव के कारण ही हिंदुत्व की विचारधारा के प्रति उनमें समर्पण आया। सावंत के पिता पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य, भारतीय जनसंघ और भारतीय मजदूर संघ के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं।

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