पहले से अधिक हिंसक गुर्जर आंदोलन, प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में लगाई आग, 10 ट्रेनें हुईं रद्द - Sambandhsetu News

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फ़रवरी 10, 2019

पहले से अधिक हिंसक गुर्जर आंदोलन, प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में लगाई आग, 10 ट्रेनें हुईं रद्द

 पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिडंत 

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके समर्थक लगातार दूसरे दिन आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन के बीच में धौलपुर हाईवे पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिडंत हो गई है। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क को ब्लॉक कर दिया और वाहनों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारी गुर्जर समुदाय द्वारा चल रहे आरक्षण आंदोलन का समर्थन कर रहे थे।

गुर्जर समुदाय के सदस्य राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के रेवले ट्रैक पर बैठे हुए हैं। जिसकी वजह से प्राधिकरण को उस रूट पर जाने वाली ट्रेनों को रद्द करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। केवल रेलवे ही नहीं सड़कें भी आंदोलन की वजह से प्रभावित हैं।

पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ का कहना है कि 10 ट्रेनों के रूट को या तो डायवर्ट किया गया है या उनकी दूरी कम की गई है या उन्हें रद्द कर दिया गया है। ऐसा उत्तर-पश्चिम रेलवे के संवाई माधोपुर-बयाना क्षेत्र (मलारना-निमोडा ब्लॉक सेक्शन) पर जारी विरोध के कारण किया गया है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पांच प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर विरोध कर रही है। 

समिति के सदस्य लगातार ट्रेनों के ट्रैक पर बैठे हुए हैं। जिसके कारण मुंबई-दिल्ली रूट पर ट्रेन का परिचालन बाधित हो गया है। दूसरे राज्यों के यात्रियों को भी ट्रेनों के रद्द होने या उनके रूट बदलने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली से आने वाली ट्रेनों को बयाना पर रोक दिया गया है। प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय टीम बनाई है।

इस तीन सदस्यीय टीम में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, विश्वेंद्र सिंह और भंवर लाल शामिल हैं। मंत्रियों के अलावा कमिटी में आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भी शामिल हैं। प्रदर्शन के कारण भरतपुर, करौली, संवाई माधोपुर, दौसा और टोंक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जिससे कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो।

प्रदर्शनकारियों के बीच IAS नीरज और मंत्री शिवेंद्र सिंह बातचीत का न्योता लेकर पहुंचे 

शनिवार को आईएएस अधिकारी नीरज और मंत्री विश्वेंद्र सिंह प्रदर्शनकारियों के पास बातचीत का न्यौता लेकर धरनास्थल पहुंचे थे। सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं गुर्जर समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को जयपुर या ट्रैक के आसपास बातचीत के लिए आए। हालांकि इसके जवाब में बैंसला का साफ कहना है कि कोई प्रतिनिधिमंडल कहीं नहीं आएगा। 

बैंसला ने कहा, 'केंद्र सरकार कुछ संशोंधनों के साथ सात दिनों में आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण दे सकती है तो हमें 14 सालों से परेशान क्यों कर रखा है। सरकार से यहीं बात होगी। मुझे राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पूरा विश्वास है क्योंकि वह हमारे पक्षधर रहे हैं। क्या उन्हें नहीं दिखता कि हमने क्या खोया है? 70 से ज्यादा गुर्जर अपनी जान गंवा चुके हैं और बहुत से कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह सही समय है जब राज्य सरकार को परिणाम देना चाहिए वरना हम ट्रैक पर ही मरना पसंद करेंगे।'

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