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अप्रैल 23, 2019

पैर पसारते जिहादी संगठनो का शिकार श्री लंका से क्या सीखे भारत




श्री लंका में हाल ही में हुई आतंकी घटना ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया है वहीं पूरी विश्व की मानव जाति पर एक प्रश्न चिन्न्ह भी है कि क्या कोई भी मानव सभ्यता या कोई भी धर्म इतना क्रूर हो सकता है ??

भारत ने श्रीलंका को कई बार संभावित जिहादी हमलों के बारे में बताया है। भारतीय एजेंसियों ने संकेत दिया है कि नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के सहयोगियों की और अनुयायियों की संख्या पाकिस्तान में बढ़ रहे हैं। भारतीय जांच एजेंसी कट्टरवादी विचारधारा वहाब के प्रभाव पर नजर रखे हुए है। 

माना जा रहा है कि पूर्वी श्रीलंका में इस्लाम को मानने वालों की संख्या में इजाफा होने को लेकर चेतावनी दी है क्योंकि क्षेत्र आतंकी संगठन लशकर-ए-तैयबा और उसकी विचारधारा जैसे संगठनों के लिए परिचालन क्षेत्र बन सकता है। 

पाकिस्तान के हिंसात्मक संगठनों की श्रीलंका में मौजूदगी लश्कर के चैरिटी फ्रंट फलाह-ए-इंसानियत द्वारा 2016 में दिए विज्ञापन से सामने आई। सीरिया, अफगानिस्तान, म्यांमार और सोमालिया के अलावा इस द्वीप देश में भी आईएस की उपस्थिति है।

एनटीजे यहां कट्टरपंथ को बढ़ा रहा है जिसके बीज लश्कर और उसके चैरिटी विंग इदारा खिदमत-ए-खलाक ने बोए थे। यह चैरिटी विंग 2004 में मालदीव और श्रीलंका में आई सुनामी के बाद यहां आपदा राहत गतिविधियों में संलिप्त था।

लश्कर भारत को निशाना बनाने के लिए श्रीलंका में पिछले डेढ़ दशक से यहां अपना बेस बनाने की कोशिश कर रहा है। इसी वजह से यहां इस्लामिक संगठन एनटीजे की पैठ हुई। इसी संगठन का नाम रविवार को ईस्टर के मौके पर हुए आठ बम धमाकों में आ रहा है। सूत्रों का कहना है कि भारत की चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया गया।




भारतीय एजेंसियों के अनुसार एनटीजे अलकायदा से जुड़ा हुआ है। जो श्रीलंका के युवाओं को बरगलाकर उनकी भर्ती वैश्विक जिहादी के लिए कर रहा है। जानकारी मिली है कि श्रीलंका के युवाओं को पाकिस्तान के प्रशिक्षण कैंप में प्रशिक्षित किया गया है। जांच एजेंसियों ने तमिलनाडु में सक्रिय तौहीद जमात को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की है जो इसी तरह की गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। 

भारतीय एजेंसियों ने एनटीजे द्वारा हमले करने को लेकर चेतावनी दी थी जिसकी पुष्टि न्यूयॉर्क टाइम्स ने की है। भारतीय एजेंसियों ने जिहादी समूह की संभावित योजना को लेकर चार अप्रैल को श्रीलंका से विशिष्ट जानकारी साझा की थी। अखबार के अनुसार इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया गया।

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