पिछले महीने ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल धमाकों के बाद श्रीलंका सरकार सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी को लेकर श्रीलंका सरकार ने शुक्रवार को नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत देश की सभी मस्जिदों को उन उपदेशों की प्रति जमा कराना अनिवार्य कर दिया गया है, जो वहां सुनाए जाते हैं।
श्रीलंका सरकार देश में इस्लामी कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है। बता दें कि इन हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी।
श्रीलंका के धर्म एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि मस्जिदों का इस्तेमाल कट्टरपंथी विचारों को फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। देश के हालात देखते हुए मंत्रालय ने सभी मस्जिदों के ट्रस्टियों को निर्देश जारी किए हैं कि वह मस्जिदों को नफरत फैलाने का या कट्टरपंथी गतिविधियों का केंद्र न बनने दें।
श्रीलंका ने चरमपंथियों के खात्मे के लिए चलाया अभियान
सीरियल ब्लास्ट के बाद से श्रीलंका के करीब 10 हजार सैनिक आतंकी ठिकानों पर छापेमारी करने में जुटे थे। श्रीलंका की पुलिस और सेना ने कहा था कि अब देश पूरी तरह सुरक्षित है। ईस्टर धमाकों में शामिल आतंकी या तो गिरफ्तार कर लिए गए हैं या फिर उनकी मौत हो चुकी है। बता दें कि 21 अप्रैल को आतंकियों ने तीन चर्चों, होटलों और दो अन्य जगहों को निशाना बनाया था। इसमें 258 लोगों की मौत हो गई थी।
चेहरा ढकने पर भी प्रतिबंध लगा चुका श्रीलंका
श्रीलंका सरकार देश में महिलाओं के चेहरा ढकने पर भी प्रतिबंध लगा चुकी है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 29 अप्रैल को आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चेहरा ढकने को प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय ने इस आदेश पर बयान दिया था कि प्रतिबंध का संबंध देश की सुरक्षा से है। किसी व्यक्ति का चेहरा ढका होने से उसकी पहचान करने में समस्या होती है।
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