बांग्लादेश में आम चुनाव आज, माना जा रहा है कि शेख हसीना चौथी बार बन सकती हैं प्रधानमंत्री - Sambandhsetu News

दिसंबर 30, 2018

बांग्लादेश में आम चुनाव आज, माना जा रहा है कि शेख हसीना चौथी बार बन सकती हैं प्रधानमंत्री

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बांग्लादेश में रविवार को होने जा रहे आम चुनावों के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सेना के हजारों जवानों समेत छह लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए रविवार दे रात तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। प्रमुख विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया (73) के जेल में होने की वजह से माना जा रहा है कि शेख हसीना (71) रिकॉर्ड चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बन सकती हैं। 

मुकाबला बांग्लादेश की दो बेगमों (शेख हसीना और खालिदा जिया) के बीच

भारत के लिहाज से आवामी लीग की मुखिया शेख हसीना का प्रधानमंत्री बनना ज्यादा मुफीद माना जा रहा है, क्योंकि उनके कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आया है। वह लगातार तीन बार से प्रधानमंत्री हैं। हालांकि, इस बार भी मुकाबला बांग्लादेश की दो बेगमों (हसीना और जिया) के बीच होगा। कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी पार्टी के चुनाव लड़ने पर रोक है। उसके उम्मीदवार निदर्लीय चुनाव लड़ रहे है। चुनाव के दौरान हिंसा की आशंका के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी गई है। हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। हाल में तीन हिंदू परिवारों के घरों को कट्टरपंथियों ने आग के हवाले कर दिया था।

भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं बेगम खालिदा जिया

मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। उन्हें इसी साल 10 साल हुई है। जिया के चुनाव लड़ने पर रोक है। उनके बेटे तारिक रहमान भी लंदन में निर्वासन झेल रहे हैं। जिया की पार्टी ने पिछले आम चुनाव का बहिष्कार किया था।

299 सीट, 1848 उम्मीदवार

संसद में कुल 300 सीटें हैं। हालांकि, चुनाव 299 सीटों पर हो रहा है। रविवार को होने वाले संसदीय चुनाव में 10.41 करोड़ मतदाता 1,848 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।


हसीना ने जताई आशंका, बीएनपी कर सकती है चुनाव बहिष्कार का एलान
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के चरित्र को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। बीएनपी बीच में भी चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो वोटिंग पूरी होने तक चुनाव प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए।

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