जनवरी 04, 2019
दिल्ली में हुआ धमाका हुआ और छा गया चारों ओर धूल का गुबार मच गई चीख पुकार
मोती नगर के सुदर्शन पार्क में हुआ हादसे के बाद लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुट गई। पड़ोसियों ने धूल के गुबार के बीच एक-एक कर लोगों को निकालकर निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद पीसीआर और दमकलकर्मी भी वहां पहुंच गए। घायलों को नजदीकी आचार्य भिक्षु अस्पताल पहुंचा दिया गया, जहां से गंभीरों को डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। खबर मिलते ही जिले के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना स्थल की ओर भागे। देर रात तक करीब 15 लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा चुका था, जिनमें 7 को मृत घोषित कर दिया गया था।
हादसे के एक प्रत्यक्षदर्शी सूरज ने बताया कि डी-ब्लॉक के 96 नंबर प्लॉट में पिछले काफी समय से अंकित गुप्ता नामक शख्स की पंखे की फैक्टरी है। यहां पंखों पर पेट का भी काम किया जाता है। रात करीब 8.45 बजे अचानक तेज धमाका हुआ और धूल का गुबार उठने लगा। सूरज ने बताया कि वह अपने दोस्त मनीष के साथ घटना स्थल की ओर भागा। वह अंदर घुसा और उसने घायलों को निकालकर निजी वाहनों से अस्पताल भेजना शुरू कर दिया। शुरूआत में एक साथ सात लोगों को निकाला गया। इस बीच बचाव दल मौके पर पहुंचा और धीरे-धीरे कुल पंद्रह लोगों को मलबे से निकाला गया। घायलों में पांच लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन लोगों को डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया।
हादसे में घायल हुए अशोक नामक शख्स ने बताया कि हादसे के समय वह पहली मंजिल पर दर्जन भर लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा था। अचानक एक तेज धमाका हुआ और उस पर मलबा गिर गया। डी-96 का मलबा बराबर में खाली प्लॉट पर गिरा। स्थानीय लोगों की मानें खाली प्लॉट में कबाड़ का गोदाम बनाया हुआ था। यहां पर पांच-छह लोग दबे थे। मलबा हटाकर घायलों को वहां से भी निकाला गया।
हादसे की सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों समेत बाकी बचाव दल मौके पर पहुंच गया। जिस गली में में हादसा हुआ, वहां संकरी गलिया हैं। ऐसे में राहत दल को मौके पर पहुंचने में दिक्कत हुई। हादसे के समय सड़कों पर गाडिय़ां खड़ी हुई थीं। किसी तरह गाडिय़ों को हटवाकर बचाव दल को मौके पर भेजा गया। उधर खबर मिलते ही लोगों की भारी भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस बल बुलाना पड़ा।
हादसे की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन की टीम खोजी कुत्तों के साथ मौके पर पहुंची। इसके अलावा लाइफ डिटेक्टर मशीनों को भी मौके पर लाया गया। आपदा प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। कैट्स की एंबुलेंस को मौके पर तैनात कर दिया गया था। इसके अलावा अस्पतालों में घायलों के उचित इंतजाम के लिए प्रशासन ने इंतजाम कराए।
26 सिंतबर 2018 : अशोक विहार के सावन पार्क में चार मंजिला इमारत गिरी, हादसे में छह की मौत, छह घायल।
01 जुलाई 2017 : लक्ष्मी नगर में तीन मंजिला इमारत गिरी से पांच लोग हुए जख्मी।
16 जनवरी 2017 : पुरानी दिल्ली के चांदनी महल इलाके में 100 साल पुरानी इमारत गिरी, दंपति की मौत।
20 जुलाई 2015 विष्णु गार्डन इलाके में पांच मंजिला इमारत गिरी, पांच लोग हुए जख्मी।
28 जून 2014 : इंद्रलोक इलाके के तुलसी नगर में चार मंजिला इमारत गिरी, 10 की मौत, कई अन्य जख्मी।
09 अक्तूबर 2013 : सदर बाजार इलाके में दो मंजिला मकान गिरने से पिता-पुत्र की मौत।
12 दिसंबर 2012 : न्यू अशोक नगर इलाके में इमारत गिरने से पांच लोगों की मौत।
15 नवंबर 2010 : लक्ष्मी नगर के ललिता पार्क में चार मंजिला इमारत गिरी, हादसे में 70 से अधिक की मौत, 150 के करीब घायल।
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# एन सी आर

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